Date
We and third parties may deploy cookies and similar technologies when you use our site. Please review the information below and select the cookies for enhancing your Site/ App experience. However, you can change your consent choices at anytime by clicking “withdraw consent” from Hamburger menu/ left menu drawer on the Site/ App.
We use cookies to analyze and measure traffic to the site so that we know our audience and can improve our site, determine what stories are read, preferred news edition, default setting for the preferred news edition/ bookmarked news, where visitors come from, and how long they stay. Opt-In to these analytics cookies by clicking enable.
We use third-party services for enabling your successful registration/subscription to E-paper module, to provide newsletters, content recommendations and customize your user experience and advertising. Opt-In to these content recommendation cookies by clicking enable. Please read our Cookie Policy and Privacy Policy for more details
Are you sure you want to continue?
कोरोना काल अब बीत चला है। दो साल में इससे जहां जनजीवन अस्तव्यस्त रहा। वहीं कई बड़े उत्सव और आयोजन कोरोना की भेंट चढ़े। कुरुक्षेत्र की पहचान बन चुका इंटर नेशन गीता महोत्सव भी इससे अछूता नहीं रहा। पिछले साल गीता जयंती महोत्सव मनाया जरूर गया।
लाखों की तादाद में पर्यटक भी पहुंचे, लेकिन इसका इंटरनेशनल स्वरूप बहाल नहीं हो पाया। अब इस साल गीता महोत्सव में 6 माह शेष रह गए हैं। ऐसे में सरकार की तरफ से अभी से तैयारियां शुरू की गई हैं। डीसी मुकुल कुमार को गीता जयंती महोत्सव के लिए सरकार ने नोडल अफसर बनाया है। यही नहीं उन्हें केडीबी के सदस्य सचिव का अतिरिक्त जिम्मा भी सौंपा है।
छुट्टी पर सचिव, डीसी मुकुल को जिम्मा : दरअसल सदस्य सचिव विजय दहिया लंबी छुट्टी पर गए हैं। परंपरानुसार सदस्य सचिव ही गीता महोत्सव के लिए नोडल अफसर का जिम्मा संभालते आ रहे हैं। ऐसे में बतौर आईएएस मुकुल कुमार को उनकी जगह सदस्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया है। मुकुल कुमार सीएम मनोहरलाल के साथ भी पहले काम कर चुके हैं। ऐसे में सीएम ने उन्हें सदस्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार देकर बड़ी जिम्मेदारी दी है।
डीसी को सौंपी जिम्मेदारी
पहले राज्यपाल व केडीबी के सदस्य सचिव इंटरनेशनल गीता महोत्सव के नोडल अफसर का जिम्मा संभालते थे, लेकिन अब सरकार ने कुरुक्षेत्र के डीसी को ही इंटरनेशनल गीता जयंती महोत्सव का नोडल अफसर बनाया है। ताकि गीता जयंती संबंधित काम और नजदीक से हो सकें। खुद डीसी मुकुल कुमार ने भी इसकी पुष्टि की है।
तैयारी }इस बार भव्यता के साथ होगा इंटरनेशनल स्वरूप
कहने को गीता जयंती महोत्सव का दर्जा इंटरनेशलन का है। पांच साल पहले राष्ट्रीय से अंतरराष्ट्रीय दर्जा घोषित किया गया था, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद इसका स्वरूप सूरजकुंड फेस्ट की तरह इंटरनेशनल स्तर का नहीं हो पाया। क्राफ्ट मेले में विदेशियों में महज नेपाल को छोड़ दूसरे देशों के शिल्पकार नहीं आ सके। इस बार इसमें विदेशी शिल्पकारों को बुलाने की तैयारी है। भास्कर से बातचीत में डीसी मुकुल कुमार ने कहा कि इस बार पूरी भव्यता से महोत्सव होगा। जल्द ही पहले कुरुक्षेत्र, फिर चंडीगढ़ में बैठकों का दौर शुरू होगा। ताकि उत्सव संबंधित सुझाव लेकर उन्हें अमलीजामा पहनाया जा सके। पिछले साल के अनुभव काम आएंगे। इस बार उत्सव का स्वरूप असलीयत में इंटरनेशनल करने के प्रयास रहेंगे। पहले कोरोना के कारण जो कमिया रही, उन्हें इस बार दूर किया जाएगा। उत्सव के साथ शहर की तमाम सामाजिक धार्मिक संस्थाओं को जोड़ेंगे।
जिम्मेदारी }चेयरमैन की पावर अब वीसी को
बता दें कि केडीबी का चेयरमैन राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय हैं। जबकि वाइस चेयरमैन मुख्यमंत्री हैं। पहले केडीबी से संबंधित सभी फैसले राज्यपाल ही लेते थे। केडीबी के तहत होने वाले तीर्थों के जीर्णोद्धार से लेकर इंटरनेशल गीता महोत्सव संबंधित सभी फैसले राज्यपाल ही लेते थे, लेकिन कुछ माह पहले यह व्यवस्था बदल गई। अब केडीबी की फाइल राज्यपाल की बजाए सरकार के पास जाती हैं। पहले राज्यपाल के सचिव ही केडीबी के सदस्य सचिव होते थे, लेकिन अब केडीबी संबंधित चेयरमैन की पावर वाइस चेयरमैन को डेलीगेट की जा चुकी है। सरकार ने खाद्य आपूर्ति विभाग के निदेशक विजय दहिया को केडीबी का सदस्य सचिव बनाया था। केडीबी सदस्य सचिव केडीबी से संबंधित सभी फाइल अब सरकार के पास भेजते हैं।
तीन दिसंबर को जयंती, तैयारियां शुरू
बता दें कि गीता जयंती मार्गशीर्ष माह की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस बार यह तिथि तीन दिसंबर को है। बता दें कि कुरुक्षेत्र में गीता जयंती महोत्सव 18 दिवसीय होता है। हरियाणा में यह एकमात्र उत्सव है, जो इतने दिनों तक चलता है। गीता जयंती से करीब 10 से 12 दिन पहले से इंटरनेशनल गीता महोत्सव शुरू हो जाता है। आगाज शिल्प मेले के साथ होता है। इस बार तीन दिसंबर को गीता जयंती है। इस बार भी महोत्सव दस से 12 दिन पहले ही शुरू होगा। सरकार की तरफ से इसकी तैयारियां शुरू की जा रही हैं।
नई व्यवस्था }अब राज्यपाल की बजाए सरकार को जाती हैं केडीबी की फाइलें